Friday, August 10, 2018

जीतना ज़रूरी नही लड़ना ज़रूरी ठहरा !


कुछ ट्रेलर आपको एकदम से नींद से उठा देते हैं। कम से कम बत्ती गुल मीटर चालू का ट्रेलर आपको कुछ नींद से उठा जैसा देता है।

निर्देशक श्री नारायण सिंह ने बड़ी चालाकी से एक ऐसा ट्रेलर बनाया है जो पहले डेढ़ मिनट आपको कुछ ये पूछने पे मजबूर करता है के भाई क्या दिखा रहे हो ? या कहना क्या चाहते हो ? और फिर जब ट्रेलर आपको झटके देना शुरू करता है तो वहां से आप इस ट्रेलर से जैसे बंध से  जाते हैं।



फ़िल्म का ट्रेलर शुरू में आप को तीन युवाओं को आपस में मस्त मज़े से ज़िन्दगी बिताते दिखाया जाता है। दो दोस्त और एक लड़की। इनमें शाहिद और श्रद्धा  के बीच पनपती प्रेम कथा भी है। आप कह सकते हैं के फ़िल्म का असली ट्रेलर तो वहीँ से है जब एक दोस्त हालात और तंत्र के शोषण से परेशान होकर आत्महत्या करता है।  अपने मरे दोस्त की मौत की ज़िम्मेदार बिजली कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोलता है।

इस ट्रेलर में  थोड़ा बहुत कोर्ट के दृश्य भी हैं जो अच्छे बन पड़े हैं। बहुत समय के बाद यामी गौतम परदे पर दिखी हैं और अपना काम अच्छे ढंग से निभा रहीं हैं शायद।

ट्रेलर का सबसे अच्छा पहलू है उसके संवाद कभी हंसाते ,कभी रुलाते जैसे तब जब आत्महत्या कर चुके बेटे का पिता उसे कायर कह रहा है, लेकिन सबसे ज़बरदस्त संवाद ट्रेलरका वो है जो सीधा आपके ज़ेहन पे छपता है।  शायद वही इस ट्रेलर और आने वाली फ़िल्म का सन्देश भी है। वो संवाद क्या है उसके लिए शीर्षक ज़रा फिर पढ़ लीजिये !


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