कुछ फिल्में बहुत शोर शराबे के साथ प्रदर्शित नही होती हैं। लेकिन अगर आप उन्हें देखने चले जाएँ तो कम से कम आपके पैसे बरबाद नही होते। साथ ही आप का थोड़ा बहुत मनोरंजन हो जाता है और कम से कम आप बोर भी नही होते।
द मेग इसी तरह की फिल्मों में एक है। फ़िल्म की कहानी एक विशालकाय शार्क मछली मेग्लोडन पर आधारित है। एक गोताखोर जैसन के ज़िम्मे मेग्लोडन से कुछ वैज्ञानकों को बचाने का काम आता है। जैसन एक बार पहले इस शार्क से कुछ लोगों को बचा चुका है और एक बार फिर जब इस शार्क के हाथों कुछ निर्दोष मारे जाते हैं तो जैसन और उनके साथ बचे हुए वैज्ञानिक इस शार्क को मारने का निर्णय लेते हैं।
धीरे धीरे बढ़ती कहानी कुछ पचास मिनट के बाद तेज़ी से दौड़ती है और जैसन अपने साथियों की मदद से अकल लड़ा के इस शार्क को उसके अंजाम तक पहुंचा देता है। शार्क को मारने का उसका तरीका अच्छा था।
फ़िल्म में थोड़े झटके , थोड़ी कॉमेडी और थोड़े से ऐसे दृश्य भी हैं जो आपको लगेगा के ये तो पहले भी कुछ फिल्मों में आपने देखा है। लेकिन फिर भी फ़िल्म ज़्यादा समय दिलचस्प रहती है।
आप अगर रविवार को बोर हो रहे हैं और बेहतर करने को कुछ है नही तो आप इस फ़िल्म को देख सकते हैं।
मेरी रेटिंग एक बार देखने लायक फ़िल्म होने की वजह से तीन स्टार।
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