पलटन का ट्रेलर पूरे १९२ सेकंड लम्बा है लेकिन सवा दो मिनट के उबाऊ पकौ ट्रेलरों से कहीं ज़्यादा दम इस फ़िल्म के ट्रेलर में दिख रहा है। हमारी सेना की ज़बरदस्त जीत की एक भुला सी दी गयी कहानी पर बनी ये फ़िल्म अपने ट्रेलर में बहुत अच्छी बनी हुई दिख रही है। पूरे ट्रेलर में संवाद ,घटनाएं और संगीत का मिला जुला प्रभाव ये होता है के कई नए सितारों को तो आप पहचानने की कोशिश भी नही करते।
सोनू सूद , जैकी श्रॉफ और जॉन अब्राहम जैसे सितारे बॉक्स ऑफिस पर ज़्यादा पकड़ नही रखते हैं लेकिन यहाँ इस फिल्म के ट्रेलर को देख कर लग रहा है के बॉक्स ऑफिस पर एक तगड़ी कामयाबी इनके सेहरे बंधेगी।
फ़िल्म का ट्रेलर आपके अंदर देशभक्ति का एक जूनून सा पैदा करता है और ये इस ट्रेलर की सबसे बड़ी कामयाबी है। अगर कोई ट्रेलर दर्शकों के जज़्बात जगा दे तो फ़िल्म की कामयाबी तय है।
जे पी दत्ता ने जज़्बाती मौकों को कम से कम ट्रेलर में कहानी से आगे नहीं जाने दिया है और इसलिए भी लगता है के पलटन भारतीय सेना के कारनामों पर बनी एक यादगार फ़िल्म ज़रूर बनेगी।
मेरे जैसे दर्शकों के लिए तो एक मनचाहे निर्देशक की इक्कीस साल बाद किसी ज़बरदस्त फ़िल्म से वापसी का लम्हा, ये ट्रेलर बन गया है। कहते हैं सब्र का फल मीठा होता है लेकिन ये ट्रेलर तो मीठा, मसालेदार और धमाकेदार फल है।
मुझे अब दिन दर दिन इस फ़िल्म के रिलीज़ का इंतज़ार होगा। ये पल्टन बॉक्स ऑफिस पे सबको रौंद के आगे जाएगी इतना तय है !
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